Monday, August 26, 2013
नमामिशमिशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रम्ह्वेद स्वरूपं| निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरिहम चिदाकाशमाकाश वासं भजेहम ||
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